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चलते रहो

  चलते रहो मार्टिन लूथर किंग ने कहा था अगर तुम उड़ नहीं सकते हो तो दौड़ो अगर दौड़ नहीं सकते हो तो चलो अगर तुम चल नहीं सकते हो तो रिंकू पर निरंतर आगे बढ़ते रहो अपनी सोच और दिशा बदलो सफलता तुम्हारा स्वागत करेंगे | रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो, तो भी एक अच्छा जूता पहन कर चला जा सकता है, किंतु एक अच्छे जूते के अंदर एक भी कंकड़ घुस जाए, तो एक अच्छी सड़क पर भी एक कुछ कदम चलना मुश्किल है यानी हम बाहर की चुनौतियों से नहीं अपने भीतर की कमजोरियों से हारते हैं |
  अपने मित्र पर कभी भरोसा ज्यादा न करें।   अधिकांशत देखा गया है, कि हम अपने मित्र को उतना अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, जितना हमें लगता है। हमारे मित्र बहस टालने के लिए कोई चीज पसंद ना होने के बावजूद भी हां में हां मिला देते हैं। जबकि सच तो यह है, कि “ सच्चाई और ईमानदारी से मित्रता की नींव मजबूत नहीं होती है ”। काम के मामले में सभी स्थितियों में लोगों के बीच थोड़ी दूरी होना चाहिए। यह ध्यान रखें कि आप मित्र बनाने की नहीं बल्कि कोई काम करने की कोशिश कर रहे हैं | मित्रता सच्ची हो या झूठी या हमेशा ढक लेती है | ध्यान रखना चाहिए कि हमें फायदा किससे ज्यादा हो रहा है “ मित्र से या दुश्मन से ”। शक्तिशाली व्यक्ति संघर्ष से लाभ उठाता है और शत्रुओं का इस्तेमाल करता है।